भारतीय सैन्यबल इस वक्त अस्सी हजार से ज्यादा बुलेटप्रूफ जैकेट की कमी से जुझ रहे है। सरकार की ओर से बकायदा संसद में आधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी गई है। मुंबई आतंकी हमले के वक्त भी सुरक्षाबलों के पास मौजूद बुलेटप्रूफ जैकेट की कमजोरियां सामने आई थी। देश पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद से ही बुलेटप्रूफ जैकेट को लेकर चिंताए बढ़ती जा रही है। बुलेटप्रूफ जैकेट को लेकर चिंता स्वाभाविक भी है लेकिन टीम इंडिया के लिए फिक्र की कोई बात नहीं है। टीम इंडिया के पास सचिन तेंदुलकर के रूप में एक ऐसा बुलेटप्रूफ जैकेट है जो 21 साल से हर मुसीबत का बखूबी सामना करता आया है।

मेड इन मुंबई सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम के लिए संकटमोचक है। टीम जब भी मुसीबत में होती है तो साथी खिलाड़ी ही नहीं एक अरब से ज्यादा लोगों की उम्मीदें केवल और केवल सचिन पर टिकी होती है। श्रीलंका दौरे पर भी सचिन ही टीम इंडिया के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रहे है। गॉल टेस्ट में वह शतक से चूके लेकिन टीम इंडिया को पारी की हार से वह बचाकर ले गए थे। मलिंगा, मेंडिस और मुरलीधरन के एम फेक्टर के हर तीर की धार सचिन के बल्ले से टकरा कर कुंद होती गई। कोलंबो में जब भारतीय टीम श्रीलंका के विशालकाय स्कोर के सामने मुश्किल में फंस गई उस वक्त सचिन ने ही टीम को मुसीबत के भंवर से सुरक्षित बाहर निकाला। अजीमों शान शहंशाह ने अपने टेस्ट कैरियर का पांचवा दोहरा शतक जमाया। क्रिकेट के सरताज ने अपनी पारी से टीम इंडिया के नंबर वन के ताज को बचा लिया।

37 साल के सचिन तेंदुलकर इन दिनों एक विज्ञापन में नजर आ रहे है। इस विज्ञापन की थीम है जो अंदर से है सॉलिड वही फेवरेट है। सचिन के जिंदगी का फलसफा भी कुछ ऐसा ही है। कोलंबो में दोहरा शतक जमाकर उन्होंने बता दिया कि उम्र के साथ साथ वह दिन ब दिन सॉलिड होते जा रहे है। जहां तक बात उनको फेवरेट मानने वालों की है तो वह सूची सेंसेक्स की तरह उपर नीचे नहीं होती रहती। वह तो महंगाई डायन जैसी है जो बस तेजी से बढ़ती ही जा रही है। ट्विटर पर थोड़े ही समय में प्रशंसकों के मामले में वह शाहरूख खान और प्रियंका चोपड़ा के करीब पहुंच चुके है। यह माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट उनकी लोकप्रियता का एक छोटा नमूना भर है।
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चिन की खासियत है कि आलोचकों के फेंके पत्थरों को वह हथियार बनाकर हमला करने में विश्वास नहीं करते। वह इन पत्थरों को माइल स्टोन में बदल देते है। दरअसल सचिन सचिन है उनके जैसा दूजा नहीं। एक अरब से ज्यादा आबादी वाले इस मुल्क में वह एकमात्र ऐसे शख्स है जो एक साथ सबके चेहरे पर खुशियां ला सकते है। यही वजह है कि जब सचिन को चोट लगती है तो पूरा देश उस दर्द को महसूस करता है। सचिन यदि शतक के नजदीक होतो क्रिकेट प्रेमी उनसे ज्यादा तनाव महसूस करता है। पिछले 21 साल से वह हर क्रिकेट प्रेमी के दिल में धड़क रहे है।

याद कीजिए 26 नवंबर 2008 की वह काली रात। मुंबई को समंदर के रास्ते आए आतंकियों ने दहला दिया था। भारत में वन डे श्रृंखला में बुरी तरह शिकस्त खा चुकी इंग्लैंड टीम हमले के बाद दौरा छोड़कर स्वदेश लौट गई थी। हालात सुधरने के बाद इंग्लैंड टीम वापस भारत लौटी और चेन्नई में पहले ही टेस्ट में जीत की दहलीज पर पहुंच गई। 387 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सचिन ने ऐतिहासिक शतक लगाया और भारत को एक अविश्वसनीय जीत दिला दी। सचिन के शतक ने बिखरे बिखरे नजर आ रहे देश को फिर से जोड़ दिया। सचिन की इस पारी ने मुंबई हादसे के बाद जिंदगी को फिर से पटरी लाने में अहम रोल अदा किया।

सचिन उन सैनिकों के दिल में भी बसते है जिन्होंने सरहद हो या आतंरिक सुरक्षा हमेशा अपनी जान हथेली पर रखकर देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा है। शून्य से कई डिग्री नीचे तापमान में हो या फिर रेगिस्तान के मुश्किल हालात भारतीय सैनिकों ने हर मोर्चा जीता है। इन सैनिकों में लता मंगेशकर के सुरों की तरह सचिन के बल्ले से निकले रन जोश भर देते है। उम्मीद की जाना चाहिए की देश के सैनिकों को भी सचिन तेंदुलकर जैसा मजबूत बुलेटप्रूफ जैकेट मिलेगा जो लंबे समय तक बगैर चूके उनकी जिंदगी की सुरक्षा करता रहेगा।
5 comments:
blogs ke Sachin Tendulkar urf Mr. Khandekar kab kis khiladi ko sitara bana de bharosa nahi, is baar sitare ko suraj bana diya.
Well scripted ......
he get bribe to make 200runs and innocent people are getting killed...
nice one
first pic ka relevance samajh nhi aaya
one more fantastic comparison again a fresh and different article. Waiting for the next one....
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