गुजरात के सौराष्ट्र इलाके के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है पोरबंदर शहर। यह शहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली के रूप में ज्यादा पहचाना जाता है। पांच लाख की आबादी वाला यह शहर प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से स्वर्ग है और हर तरह की बुनियादी सुविधाएं यहां उपलब्ध है। अंतर्राष्ट्रीय मापदंड पर खरा उतरने वाला बंदरगाह। इस शहर में वह सब कुछ है लेकिन अब इस शहर को जयवंत उनादकट के रूप में एक क्रिकेटर भी मिल गया है। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उनके मैजिक स्पेल से पोरबंदर का यह लडाका अचानक लाइम लाइट में आ गया है।
बायें हाथ के तेज गेंदबाज जयवंत उनादकट ने हाल ही जूनियर वर्ल्ड कप में जोरदार खेल दिखाया था। उनकी बदौलत ही भारतीय टीम फायनल में पहुंची थी। महज 19 साल के उनादकट को सीजन में दूसरी बार मैदान में उतरने का मौका मिला राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ और उन्होंने बता दिया कि क्यों वसीम अकरम को उनमें एक बेहतर गेंदबाज की संभावनाएं नजर आती है। उन्होंने सटीक लाइन लैंग्थ और गति से राजस्थान के बल्लेबाजों पर जमकर कहर बरपाया। कोई भी बल्लेबाज उन्हें आत्मविश्वास से खेल नहीं पा रहा था। जयवंत के खेल को देख लगता है कि भारतीय टीम के लिए कई हीरे तराशने वाले जौहरी सौरव गांगुली की पारखी नजर ने एक और हीरा ढूंढ लिया है।
बायें हाथ के तेज गेंदबाज जयवंत उनादकट ने हाल ही जूनियर वर्ल्ड कप में जोरदार खेल दिखाया था। उनकी बदौलत ही भारतीय टीम फायनल में पहुंची थी। महज 19 साल के उनादकट को सीजन में दूसरी बार मैदान में उतरने का मौका मिला राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ और उन्होंने बता दिया कि क्यों वसीम अकरम को उनमें एक बेहतर गेंदबाज की संभावनाएं नजर आती है। उन्होंने सटीक लाइन लैंग्थ और गति से राजस्थान के बल्लेबाजों पर जमकर कहर बरपाया। कोई भी बल्लेबाज उन्हें आत्मविश्वास से खेल नहीं पा रहा था। जयवंत के खेल को देख लगता है कि भारतीय टीम के लिए कई हीरे तराशने वाले जौहरी सौरव गांगुली की पारखी नजर ने एक और हीरा ढूंढ लिया है।
सौराष्ट्र के राजकोट की नुमाइंदी करने वाले चेतेश्वर पुजारा लंबे समय से भारतीय टीम के दरवाजे पर दस्तक दे रहे है। घरेलू क्रिकेट में लंबी लंबी पारियां खेलने वाले पुजारा के बल्ले की बदौलत ही भारतीय अंडर 19 टीम ने 2008 में वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। राजस्थान के खिलाफ भी गैल और मेक्युलम जल्द पैवेलियन लौट गए तो कोलकाता बैकफुट पर नजर आ रही थी। ऐसे विपरीत हालातों में पुजारा ने बेहतरीन खेल दिखाया। गांगुली के साथ उनकी साझेदारी ने कोलकाता के खाते में एक और जीत डाल दी।गांगुली का शानदार फार्म जारी है। सीजन के शुरूआती मुकाबलों में उनकी धीमी बल्लेबाजी को लेकर आलोचक मुखर हुए थे। उन्होंने आलोचकों को अपने बल्ले, कप्तानी और शानदार फील्डिंग से करारा जवाब दिया है। राजस्थान के खिलाफ भी बल्ले से उनकी दादागिरी जारी रही। स्पिनरों के खिलाफ उनके फुटवर्क को देख लगता ही नहीं है कि इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहे उन्हे अरसा बीत चुका है। खासतौर पर युसूफ पठान को जो कैच उन्होंने लपका उसे देख कोई नहीं कह सकता कि गांगुली ऐसे कैच लपक भी सकते है।
कोलकाता और राजस्थान के बाद इस मुकाबले के बाद लीग के मुकाबले अंतिम दौर में है। कुछ टीमे सम्मान बचाने के लिए खेल रही है तो कुछ टीमें सेमीफायनल में पहुंचने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा रही है। रॉयल्स के लिए यह मौका था आत्मसम्मान बचाने और सीजन का अंत जीत से करने का। शिल्पा शेट्टी की यह टीम पहले सीजन में बिग बॉस बनी थी, लेकिन इसके बाद से वह फिसड्डी साबित हो रही है। शेन वॉटसन, यूसुफ पठान और शेन वार्न जैसे बडे नामों ने टीम को सबसे ज्यादा निराश किया। यह सभी असाधारण खेल तो दूर साधारण खेल का मुजाहिरा करने में भी नाकाम रहे।
कोलकाता और राजस्थान के बाद इस मुकाबले के बाद लीग के मुकाबले अंतिम दौर में है। कुछ टीमे सम्मान बचाने के लिए खेल रही है तो कुछ टीमें सेमीफायनल में पहुंचने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा रही है। रॉयल्स के लिए यह मौका था आत्मसम्मान बचाने और सीजन का अंत जीत से करने का। शिल्पा शेट्टी की यह टीम पहले सीजन में बिग बॉस बनी थी, लेकिन इसके बाद से वह फिसड्डी साबित हो रही है। शेन वॉटसन, यूसुफ पठान और शेन वार्न जैसे बडे नामों ने टीम को सबसे ज्यादा निराश किया। यह सभी असाधारण खेल तो दूर साधारण खेल का मुजाहिरा करने में भी नाकाम रहे।
क्या इसी मुकाबले के साथ फिरकी के जादूगर शेन वॉर्न का आईपीएल सफर भी पूरा हो गया है। मैच के बाद उन्होंने साफतौर पर कहां कि अभी यह तय नहीं है कि अगले सीजन में भी वह मैदान पर नजर आएंगे। उम्र से ज्यादा इस सीजन में निराशाजनक खेल की वजह से उनके जेहन में यह ख्याल आया होगा। वॉर्न मैदान में नजर आए या नहीं लेकिन आईपीएल के इतिहास पहली खिताबी जीत दर्ज करने वाले कप्तान के रूप में उनका नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।
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