फना फिल्म में आमिर खान और उनके बेटे रेहान के बीच एक बेहद छोटा लेकिन बेहद रोचक संवाद है। यह संवाद राहुल द्रविड को लेकर है। आतंकी बने आमिर अपने बेटे रेहान से बड़े ही मासूमियत भरे अंदाज में कहते है कि वह राहुल द्रविड की तरह क्रिकेट नहीं खेल सकते है। आमिर कहते है डिपेंडेबल नहीं है और राहुल द्रविड की तरह उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। फिल्म में पिता पुत्र के बीच यह कुछ पलों का संवाद था। रेहान को अपने राहुल द्रविड़ पर भरोसा है। द्रविड ने रील लाइफ के रेहान और रियल लाइफ के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की नजर में इस भरोसे को एक बार फिर कायम रखा है। राहुल द्रविड ने नागपुर में जता दिया कि क्यो उन्हें मिस्टर डिपेंडेबल कहां जाता है।

नागपुर राहुल द्रविड का ससुराल होने के साथ साथ संतरों की नगरी भी है। नागपुर पहुंचने के पहले द्रविड का बल्लेबाजी फार्म भी संतरों की तरह खट्टा मीठा हो रहा था। तकनीक में कहीं कोई दिक्कत नहीं थी। विपक्षी गेंदबाजों की गेंद को समझने में वह गच्चा खा रहे थे ऐसा भी कुछ नहीं था। बस वह अच्छी शुरूआत को बड़ी पारी में बदल नहीं पा रहे थे। नागपुर में धैर्य, जिद और जज्बे के साथ वह मैदान में उतरे और फिर एक बड़ी पारी खेलकर ही लौटे। फार्म में वापसी के लिए इससे बेहतर पारी हो भी नहीं सकती थी।

द्रविड हर मुश्किल घड़ी में टीम इंडिया के काम आए। आस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन में वीवीएस लक्ष्मण की 281 रनों की पारी का जिक्र होता है लेकिन विकेट की दूसरी ओर जमे रहकर 180 रनों की पारी खेलने वाले द्रविड को याद नहीं किया जाता। सचिन के शतक और गांगुली की कप्तानी में आस्ट्रेलिया में मिली टेस्ट जीत का समय समय पर जिक्र होता है लेकिन ऐडिलेड में उनकी मैच विनिंग पारी का भूले से भी जिक्र नहीं होता।

कुल जमा राहुल द्रविड का व्यक्तित्व टीवी पर दिखाए जाने वाले एक सीमेंट कंपनी के विज्ञापन की तरह है। यह विज्ञापन संदेश देता है कि एक खास किस्म के सीमेंट से बनी दीवार टूटेगी नहीं।भारतीय टीम की यह दीवार भी करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदों पर यूं ही मजबूती से हर मोर्चे पर खडी है। विपक्षी गेंदबाजों के हर थपेड़े को झेलने के बाद द वॉल का आवरण चमकदार और विश्वसनीय बना हुआ है।