Pages

Sunday, March 14, 2010

बंगाल टाईगर का दूसरा शिकार

पहले गत विजेता डेक्‍कन चार्जर्स और अब गत उपविजेता बेंगलुरू रॉयल चेलेंजर्स, शाहरूख की टीम ने पहले दो मुकाबले में दो बडे शिकार किए है। यदि आप कोलकाता नाइट राइडर्स के फैन है तो ये नतीजे आपकों बेहद उत्‍साहित करने वाले नजर आ रहे होंगे, लेकिन टीम को संभावित विजेता देखने के पहले एक बात जरूर जान लीजिए। आईपीएल3 में जिन दो टीमों को कोलकाता की टीम ने शिकस्‍त दी, आईपीएल1 में भी अपने अभियान की शुरूआत कोलकाता ने इन्‍हीं दो टीमों के खिलाफ जीत दर्ज शुरू की थी। इसके बाद आईपीएल1 में कोलकाता नाइटराइडर्स की क्‍या गत हुई थी ये किसी से छुपी नहीं है। बहरहाल, इस बार कोलकाता टीम का कॉम्बिनेशन स्‍थानीय खिलाडियों के दमदार खेल की वजह से बेहतर नजर आ रहा है।
बहरहाल, आज के मैच की बात करें तो बेंगलुरू के लिए द्रविड को निचले क्रम पर बल्‍लेबाजी करने के लिए भेजना आत्‍मघाती साबित हुआ। आईपीएल1 के हीरो श्रीवत्‍स गोस्‍वामी और मनीष वर्मा बिलकुल भी रंग में नजर नहीं आए। दोनों ईशांत शर्मा और चार्ल्‍स लेंगवेल्‍ट के साथ साथ मैथ्‍यूज की गेंदों के सामने असहाय नजर आए। इसके साथ ही एक के बाद एक विकेट गिरने से बेंगलुरू की टीम पर जो शुरूआत दबाव आया उससे टीम बिखर गई। पूरे बीस ओवर टीम इस दबाव से बाहर ही निकल नहीं दिखी।

वेटरन जैक कैलिस बेहतरीन टच में नजर आए, अफ्रीका से लंबी हवाई यात्रा की थकान का उन्‍होंने खुद की बल्‍लेबाजी पर असर पडने दिया तो वहीं द्रविड ने भी कलात्‍मक खेल दिखाया। उन्‍होंने जता दिया कि सहीं क्रिकेटिंग शॉट्स लगाकर भी तेजी से रन बटोरे जा सकते है। द्रविड को यदि वन डाउन या उसके बाद बल्‍लेबाजी के लिए भेजा जाता तो हो सकता था कि बेंगलुरू का स्‍कोर कार्ड कुछ और कहानी कहता। वन डे और क्रिकेट के इस नये फार्मेट को लेकर द्रविड के खेल पर हर वक्‍त सवाल उठते रहे है। उन्‍होंने अफ्रीका में आईपीएल2 में खुद को साबित किया है तो इस बार भी उनका बल्‍ला आलोचकों को जवाब देने के मूड में है। ऐसे में यदि उन्‍हें बल्‍लेबाजी में उपर भेजा जाएगा तो बेंगलुरू को एक मजबूत शुरूआत मिल सकती है।

वहीं बात कोलकाता की करें तो टीम ने इस मुकाबले से केवल दो अंक ही नहीं काफी कुछ और भी हासिल किया है। युवा मनोज तिवारी के पहले मुकाबले में जीरो पर आउट होने के बाद भी जो विश्‍वास टीम ने उन पर जताया ये आने वाले मुका‍बलों में टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। मनोज ने डेल स्‍टेन और कैलिस जैसे दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों को बौना साबित कर दिया। ब्रेड हॉज हर बार की तरह कम्‍पोजस्‍ड नजर आए। तिवारी के साथ उनकी शतकीय साझेदारी ने कोलकाता की आसान जीत की राह प्रशस्‍त की।
गांगुली के लिए अच्‍छा रहा कि उन्‍हें विकेट पर कुछ समय बिताने का मौका मिला। हालांकि वे अब भी पूरी तरह टच में नजर नहीं आ रहे है। डेल स्‍टेन को लगाए एक छक्‍के को छोड दिया जाए तो गांगुली जुझते हुए नजर आए। कुछ ऐसा ही हाल चेतेश्‍वर पुजारा का भी रहा। नये बल्‍लेबाज को इस विकेट पर बैटिंग करना आसान नहीं था। ये ही वजह है कि कोलकाता को जो शुरूआत मिली उससे उसकी राह आसान हो गई। कुंबले सोच रहे होंगे कि यदि 150 या उसके उपर का स्‍कोर खडा किया जाता तो शायद दो अंक कोलकाता की बजाए उनकी टीम के खाते में होते।
रविवार को एक और हिरोईन को निराश होना पडा। शिल्‍पा शेट्टी और प्रिटी जिंटा के बाद अब कैटरीना कैफ की बारी थी। कैफ की मौजूदगी भी रॉयल्‍स में जोश भर नहीं पाई। हालांकि कोलकाता की जीत से चुलबुली जूही चावला की मुस्‍कान और चौडी जरूर हो गई होगी।

0 comments:

Post a Comment