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Saturday, June 12, 2010

वाका, वाका, वाका..........

वाका वाका वाका, क्रिकेट प्रेमियों के लिए वाका के मायने तेज गेंदबाजों की सनसनाती गेंदों पर डर के मारे थिरकते बल्‍लेबाजों का नजारा होता है। आस्‍ट्रेलिया के पर्थ की यह पिच तेज गेंदबाजों के लिए स्‍वर्ग मानी जाती है। वाका की पिच बल्‍लेबाज तो कई दशकों से खौफ के साथ थिरकने को मजबूर करती रही है लेकिन वाका  धुन पर अब सारी दुनिया थिरक रही है। वह भी डर को पीछे छोड मस्‍ती और उत्‍सव के रंगारंग माहौल में। दरअसल, इस वाका का क्रिकेट से कोई वास्‍ता नहीं है बल्कि इसका मंच दक्षिण अफ्रीका है और मौका है वर्ल्‍ड कप फुटबॉल के 19 वें संस्‍करण का। चार साल बाद शकीरा एक बार फिर फुटबॉल मैदान पर थी और उद्घाटन समारोह को रंगीन बना गई। बैकहम के फ्री किक पर जिस तरह फुटबॉल लचक खाती हुई गोल पोस्‍ट में दाखिल हो जाती है कुछ इसी तरह शकीरा अपनी अदाओं से अरबों फुटबॉल प्रेमियों के दिलों में एक बार फिर दाखिल हो गई। वाका वाका गीत से शकीरा ने दुनिया की सबसे बडी इवेंट का हॉट ओपनिंग किया है।


उद्घाटन समारोह में शकीरा ने रंग जमाया तो उद्घाटन मुकाबले में दक्षिणी अफ्रीकी स्‍ट्राईकर ने गोल जमाने के बाद अपने जश्‍न से सबका ध्‍यान अपनी और खींच लिया। फुटबॉल के मैदान पर गोल करने के बाद या जीत दर्ज करने के बाद फुटबॉल खिलाडी जश्‍न करने का हर बार नया तरीका ढूंढ लेते है। शाबालाला इस कडी में जुडने वाला एक और नाम हो गया। शाबालाला की ठोंकर से 55 वें मिनिट में हुए गोल के बाद मेजबान टीम ने इतिहास रचने की और कदम बढा दिए थे। मुकाबले के 11 मिनिट पहले बढते अफ्रीकी कदमों पर राफेल मारक्‍वेज के शॉट ने ब्रेक लगा दिए। दक्षिण अफ्रीका का डिफेंस थोडा सुस्‍त हुआ और स्‍कोर बराबर हो गया।


वर्ल्‍ड कप में पांचवी बार उद्घाटन मुकाबल खेल रही मेक्सिको की टीम का पलडा पूरे समय भारी रहा। अधिकांश समय गेंद दक्षिण अफ्रीकी हॉफ में ही रही है लेकिन मौकों की को भुनाने में नाकामी ने मेक्सिको को जीत से दूर कर दिया। मेक्सिको की किस्‍मत ने यदि अंतिम पलों में उसका साथ छोड दिया होता तो दक्षिण अफ्रीका में जो जश्‍न मनता वह वर्ल्‍ड कप जीतने से कम नहीं होता। मेजबान टीम के कैटलेगो एमफेला का शॉट गोल पोस्‍ट टकरा गया। मेक्सिको के ही नहीं अफ्रीका के भी करोडों दर्शकों की सांसे जरूर उस वक्‍त रूक गई होगी जब एमफेला के टच के बाद गेंद गोल पोस्‍ट की और बढ रही थी। गोल पोस्‍ट से टकराने के बाद गेंद गोल पोस्‍ट को चूमने की बजाए किसी रूठे हुए महबूब दूर हो गई और इसके साथ ही दक्षिणी अफ्रीका का जीत से आगाज करने का ख्‍वाब भी टूट गया।

दक्षिण अफ्रीका वर्ल्‍ड कप के उद्घाटन मुकाबले में उतरने वाली तीसरी अफ्रीकी टीम है। दक्षिण अफ्रीका को छोडकर बाकी दोनों टीमों ने जीत के साथ आगाज किया था। दोनों टीमों ने गत विजेता टीम को हराकर सनसनी मचा दी थी। 1990 में मेराडोना की टीम को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन अफ्रीकी टीम ने शून्‍य के मुकाबले एक गोल से गत विजेता टीम को शिकस्‍त दी थी। हालांकि यह मेराडोना का जादू था जिसने चलते अर्जेटीना इस सदमे से उबरते हुए फायनल तक पहुंच सकी। हालांकि जिनेडिन जिदान की टीम इतनी खुशकिस्‍मत नहीं रही। गत विजेता होने की वजह से 2002 वर्ल्‍ड कप में फ्रांस को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। जिदान की इस टीम को शुरूआती मुकाबले में ही अफ्रीकी टीम सेनेगल से हार का मुंह देखना पडा। इसके बाद फ्रांस की बुरी गत हुई थी। दक्षिण अफ्रीका ने बिलकुल ही अलग शुरूआत की है ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि वर्ल्‍ड कप में इस टीम का सफर क्‍या मुकाम तय करता है।

हालांकि, उद्घाटन मुकाबला उतना रंग नहीं जमा पाया जितनी उम्‍मीद फुटबॉल प्रेमियों को थी। एक महीने तक चलने वाला यह आयोजन जैसे जैसे आगे बढेगा ठोंकर से दुनिया को फतह करने की कश्‍मकश उतनी ही तेज होती जाएगी। गेंद को लेकर संघर्ष जितना बढेगा उतनी ही तेज फुटबॉल प्रेमियों की धडकने होंगी। फुटबॉल की दुनिया के कई बडे सितारे खुद को साबित करने के लिए तैयार है तो कई ऐसे खिलाडी भी है जो इस मंच पर अपने खेल का जौहर दिखाकर पूरी दुनिया पर छा जाने के लिए बेताब है। भारत में मॉनसून ने आमद भले दी हो लेकिन यकीन मानिए फुटबॉल का यह फीवर दिनों दिनों बढता ही जाएगा और बारिश की बूंदों के साथ साथ फुटबॉल का सतरंगी संसार अपनी अलग ही छटा बिखरेगा। मौसम और फुटबॉल का मुकाबला कभी भी रंग बदल सकता है। इसलिए बेवक्‍त की बारिश के लिए छाते के साथ साथ उलेटफेर से भरे नतीजों के लिए दिल को झटके से बचाने की तैयारी भी कर लीजिए।